Wednesday, October 7, 2009

दोस्ती.................


नमस्कार मित्रों आज मैं अपने ब्लाग "शायराना" की शुरुआत कर रहा हूँ । आशा है आप लोगों का भरपूर समर्थन और प्यार मिलेगा । एक छोटी सी गज़ल प्रस्तुत करता हूँ । जैसी भी लगे यह रचना बताइयेगा ।








ज़िन्दगी की धूप में दोस्ती की छाँव दे दो,
मन के मेरे आंगन में अपने पाँव दे दो ।


तन्हा साँसे लूँ राहत भरी हवाओं में,
मीठे प्यारे सपनों का ऐसा गाँव दे दो ।


बेचैनी होती है लोगों की बेतुकी ज़ुबां से,
मन रम जाये लफ़्जो का ऐसा बहाव दे दो ।


तलबगार रहता हूँ न जाने किस एहसास का,
मन पिघल न पाये एहसासो का ऐसा जमाव दे दो ।


नजरें मेरी भुला न पाये कभी भूले से भी,
मुस्कान में अपनी वो बेहतरीन कसाव दे दो ॥ 

 

6 comments:

  1. आईये, इस बेहतरीन आगाज़ के साथ आपका स्वागत है. नियमित लिखें.

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  2. aapka swaagat hai...bahut hi accha likhte hain aap...apke blag ki saaj-sajja bhi manoram hai..bahut khushi hui yahan aakar..

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  3. आपका स्वागत है जी बहुत पसंद आई आपकी यह गजल लिखते रहे शुक्रिया

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  4. तन्हा साँसे लोँ राहत की----- बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है आपका बहुत बहुत स्वागत है बधाई इस ब्लाग के लिये शुभकामनायें

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  5. भई नवनीत आखिर तुमने अपना ब्लाग बना हीं लिया । बहुत अच्छा लगा । तुम्हारी यह रचना बहुत हीं अच्छी लगी । बस निरन्तर लिखते रहो । शुभकामनायें ।

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  6. आपकी रचना मुझे बहुत पसंद आई.
    आपका स्वागत है.

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